कुस्रू के फारस पर राज्य करने के प्रथम वर्ष [*प्रथम वर्ष अर्थात् ई. पू. 538] यहोवा ने कुस्रू को एक घोषणा करने के लिये प्रोत्साहित किया। कुस्रू ने उस घोषणा को लिखवाया और अपने राज्य में हर एक स्थान पर पढ़वाया। यह इसलिये हुआ ताकि यहोवा का वह सन्देश जो यिर्मयाह [†यहोवा का … यिर्मयाह देखें यिर्म. 25:12-14] द्वारा कहा गया था, सच्चा हो सके। घोषणा यह है:
फारस के राजा कुस्रू का सन्देश: स्वर्ग के परमेश्वर यहोवा, ने पृथ्वी के सारे राज्य मुझको दिये है और यहोवा ने मुझे यहूदा देश के यरूशलेम में उसका एक मन्दिर बनाने के लिए चुना।
यहोवा, इस्राएल का परमेश्वर है, वह परमेश्वर जो यरूशलेम में है। यदि परमेश्वर के व्यक्तियों में कोई भी व्यक्ति तुम्हारे बीच रह रहा है तो मैं यह प्रार्थना करता हूँ कि परमेश्वर उसे आशीर्वाद दे। तुम्हें उसे यहूदा देश के यरूशलेम में जाने देना चाहिये। तुम्हें यहोवा के मन्दिर को बनाने के लिये उन्हें जाने देना चाहिये।
और इसलिये किसी भी उस स्थान में जहाँ इस्राएल के लोग बचे हो उस स्थान के लोगों को उन बचे हुओं की सहायता करनी चाहिये। उन लोगों को चाँदी, सोना, गाय और अन्य चीजे दो। यरूशलेम में परमेश्वर के मन्दिर के लिये उन्हें भेंट दो।
अत: यहूदा और बिन्यामीन के परिवार समूहों के प्रमुखों ने यरूशलेम जाने की तैयारी की। वे यहोवा के मन्दिर को बनाने के लिये यरूशलेम जा रहे थे। परमेश्वर ने जिन लोगों को प्रोत्साहित किया था वे भी यरूशलेम जाने को तैयार हो गए।
उनके सभी पड़ोसियों ने उन्हें बहुत सी भेंट दी। उन्होंने उन्हें चाँदी, सोना, पशु और अन्य कीमती चीज़ें दी। उनके पड़ोसियों ने उन्हें वे सभी चीज़ें स्वेच्छापूर्वक दीं।
राजा कुस्रू भी उन चीज़ों को लाया जो यहोवा के मन्दिर की थी। नबूकदनेस्सर उन चीज़ों को यरूशलेम से लूट लाया था। नबूकदनेस्सर ने उन चीज़ों को अपने उस मन्दिर में रखा, जिसमें वह अपने असत्य देवताओं को रखता था।
फारस के राजा कुस्रू ने अपने उस व्यक्ति से जो उसके धन की देख—रेख करता था, इन चीज़ों को बाहर लाने के लिये कहा। उस व्यक्ति का नाम मिथूदात था। अत: मिथूदात उन चीज़ों को यहूदा के प्रमुख शेशबस्सर के पास लेकर आया।
सब मिलाकर वहाँ सोने चाँदी की बनी पाँच हजार चार सौ चीज़ें थीं। शेशबस्सर इन सभी चीज़ों को अपने साथ उस समय लाया जब बन्दियों ने बाबेल छोड़ा और यरूशलेम को वापस लौट गये।